तुम रिश्तों की उलझन लाओ
मैं धागन बना कर पतंग उड़ाऊं
तुम जीवन का चक्कर सुनाओ
मैं घिर्री बना कर धागन लपेटूं
तुम कहो बड़ी भारी हैं जिम्मेदारी
मैं नाव बना कर पानियों में ढकेल दूं
तुम कहो अगर संभाल कर रहना
छीटों से मैली हो जाओगी
और मैं कूद पड़ूं छपाक
तुम गाथाएं सुनाओं परिवारों की
मैं बोती रहूं चवन्नी अठन्नी
तुम दिखाओ मुझे कांटे कल कर
मैं गुनती रहूं सपनों के सन
तुम कहो बड़ी हो जाओ
मैं पोसती रहूं मुझमें बच्चे को
मैं धागन बना कर पतंग उड़ाऊं
तुम जीवन का चक्कर सुनाओ
मैं घिर्री बना कर धागन लपेटूं
तुम कहो बड़ी भारी हैं जिम्मेदारी
मैं नाव बना कर पानियों में ढकेल दूं
तुम कहो अगर संभाल कर रहना
छीटों से मैली हो जाओगी
और मैं कूद पड़ूं छपाक
तुम गाथाएं सुनाओं परिवारों की
मैं बोती रहूं चवन्नी अठन्नी
तुम दिखाओ मुझे कांटे कल कर
मैं गुनती रहूं सपनों के सन
तुम कहो बड़ी हो जाओ
मैं पोसती रहूं मुझमें बच्चे को
Keine Kommentare:
Kommentar veröffentlichen