तेजी से गुजरती रेल से
जलते हुए लैंप जैसे दिखाई देते
हैं
वैसे ही जिंदगी मेरे सामने से
गुजर रही है
तेज, शोर से भरी
अचानक कोई लम्हा
ब्लैक एंड व्हाइट फोटो के
निगेटिव जैसा
ठहर जाता है किसी स्टेशन पर कुछ
देर
उस लम्हे के साए चेहरों की याद
दिलाते हैं
तेजी से गुजरती रेल से बाहर
कोई रंग नहीं बचता
बस तेजी से चलती चौखटों में
हरे, नीले और सुनहरी
काले और रोशनी से चौंधियाए
हुए....
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