Freitag, 7. Oktober 2011

राउंड द क्लॉक

फूलों की तरह लैब खोल कभी...
खुशबू की जुबां में बोल कभी...!
अभी तुम यही करिश्मा करती हो राउंड दी क्लॉक...

तितली की तरह पर खोल कभी
रेशम की जुबां में बोल कभी
अभी तुम यही करिश्मा करती हो राउंड द क्लॉक

चटक आंखों का कल्लोल कभी
मरमरी बांहों से बोल कभी
अभी तुम यही करिश्मा करती हो राउंड द क्लॉक

प्रेम का रसायन घोल कभी
प्रिज्म के सतरंगे त्रिकोण कभी
अभी तुम यही करिश्मा करती हो राउंड द क्लॉक

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