Sonntag, 28. August 2011

शुक्रिया

मेरा सपना तोड़ने का शुक्रिया
यह बताने का शुक्रिया
कि दुनिया में मुहब्बत नहीं होती
कोई भला नहीं होता
सब मैं और मुझसे जुड़ा होता है
शुक्रिया ये बताने का
कागज की नाव पानी में नहीं चलती
मेरी पसंदीदा दीवार कुछ नहीं सुनती
चांद में कोई नानी नहीं रहती
पलक के बाल को फूंक मार कर,
टच वुड कह कर
ऑल द बेस्ट कह कर कुछ नहीं होता
यह बताने के लिए शुक्रिया
मेरा सपना तोड़ने का शुक्रिया
आभा एम

ऐसा करती हूं

जब भी गुस्सा आता है
मुस्कुराती हूं
जब भी रोना होता है
गाती हूं
जब कभी सब फेंक देने का मन होता है
कपड़े, इस्त्री कर घड़ी कर के रखती हूं
घर साफ करती हूं
जब सब उधड़ रहा होता है
उन्हीं धागों से
कसीदे काढ़ती हूं
खुद से लेकर सरकार तक
इसी तरह लड़ती हूं